UGC ने जारी की नई गाइडलाइंस: अब साल में दो बार होगा एडमिशन, छात्रों को मिलेगी शिक्षा में अधिक लचीलापन…

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सुधार के लिए नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत अब साल में दो बार एडमिशन मिलने का विकल्प होगा। इसके साथ ही कुछ और महत्वपूर्ण बदलाव भी किए गए हैं। UGC ने 2024 के लिए स्नातक और पोस्टग्रेजुएशन डिग्री के न्यूनतम मानक निर्देशों का एक ड्राफ्ट तैयार किया है, जो विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के विकल्पों को और अधिक लचीला बनाएगा।

इन गाइडलाइनों के तहत अब छात्रों को ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन में दो बार एंट्री और एग्जिट का विकल्प मिलेगा, यानी वे साल में दो बार दाखिला ले सकेंगे। इसके अलावा, छात्र अपनी पिछली योग्यता से अलग किसी अन्य कार्यक्रम का चयन कर सकते हैं।

UGC ने “ग्रेजुएट डिग्री और पोस्टग्रेजुएट डिग्री रेगुलेशन, 2024” के तहत यह ड्राफ्ट जारी किया है, जिसका उद्देश्य छात्रों के लिए योग्यता मानदंड और न्यूनतम क्रेडिट आवश्यकताओं को सरल बनाना है। UGC ने 23 दिसंबर तक इस ड्राफ्ट पर प्रतिक्रिया मांगने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है।

स्नातक और स्नातकोत्तर की अवधि में बदलाव

स्नातक डिग्री की अवधि 3 से 4 साल की होगी, जबकि स्नातकोत्तर डिग्री की अवधि 1 या 2 साल की रहेगी। छात्रों को अपनी डिग्री पूरी करने के लिए ज्यादा या कम समय मिल सकता है। यदि किसी छात्र को अधिक समय चाहिए तो वे अपनी डिग्री की अवधि बढ़ा सकते हैं।

UGC के अध्यक्ष, एम जगदीश कुमार ने बताया कि इन बदलावों का उद्देश्य छात्रों के लिए शिक्षा के अनुभव को अधिक लचीला और उपलब्धि आधारित बनाना है। इन सुधारों से छात्रों को अपनी रुचियों के अनुसार विषयों का चुनाव करने की स्वतंत्रता मिलेगी और समय की बर्बादी से बचा जा सकेगा।

किसी भी वर्ष में प्रवेश और मनपसंद विषय का चयन (UGC New Guidelines)

नई गाइडलाइन के अनुसार, विश्वविद्यालय स्नातक कार्यक्रम के दूसरे, तीसरे या चौथे वर्ष में कुछ छात्रों को सीधे प्रवेश देने का विकल्प प्रदान करेंगे। स्नातकोत्तर डिग्री के दूसरे वर्ष में भी यही प्रक्रिया लागू होगी।

स्नातक या स्नातकोत्तर कोर्स में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों को राष्ट्रीय या विश्वविद्यालय स्तर की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इसके बाद, विद्यार्थियों को किसी विशेष विषय की आवश्यकता नहीं होगी; वे प्रमुख विषय में 50 क्रेडिट प्राप्त कर सकते हैं।

इस बदलाव से विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा के विकल्प चुनने में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी और वे अपनी पसंद के विषयों में अध्ययन कर सकेंगे।

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