रायपुर। साल 2025—छत्तीसगढ़ का रजत जयंती वर्ष, लेकिन सिर्फ जश्न नहीं, जांच भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो रही है। राजधानी से लेकर सुदूर अंचलों तक, इस साल ने कई ऐसे पल गढ़े हैं जिन्हें आने वाले वर्षों में याद किया जाएगा। सरकार, सिस्टम और समाज तीनों के लिए यह साल किसी कसौटी से कम नहीं।
इस सिलसिले में सबसे अहम भूमिका निभा रही हैं दो केंद्रीय जांच एजेंसियाँ—ED और CBI, जो इस समय छत्तीसगढ़ के इतिहास में सबसे बड़ी और व्यापक जांच कर रही हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब CBI एक साथ छह प्रमुख मामलों की जांच कर रही है—और संभवतः देश के किसी और राज्य में ऐसा उदाहरण नहीं है।

तो क्या वाकई खत्म होगा भ्रष्टाचार?
राज्य में सेक्स सीडी कांड और भुनेश्वर साहू हत्याकांड को छोड़ दें तो बाकी सभी मामले सीधे तौर पर जनहित और भ्रष्टाचार से जुड़े हैं। सवाल उठता है—क्या इन मामलों की जांच से राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था में कोई सख्त सुधार आएगा? क्या दोषियों को सज़ा मिलेगी?
छत्तीसगढ़ के लोग यह सवाल इसलिए भी पूछ रहे हैं क्योंकि जग्गी हत्याकांड, उमेश राजपूत हत्याकांड और सुशील पाठक मामले में CBI जांच के बावजूद कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
एक नजर छत्तीसगढ़ के छह सबसे बड़े मामलों पर
1️⃣ महादेव सट्टा एप घोटाला
देशभर में तहलका मचाने वाला यह मामला अब CBI के शिकंजे में है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 21 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। 26 मार्च को सीबीआई ने देशभर में 60 ठिकानों पर छापेमारी की। सट्टा एप के प्रमोटरों से लेकर पुलिसकर्मियों और राजनेताओं तक, बड़ी संख्या में नामजद आरोपी हैं। जांच अभी जारी है।
2️⃣ कोयला घोटाला
लगभग 500 करोड़ रुपये की लेवी वसूली का मामला। ईडी की जांच के बाद अब CBI भी मैदान में है। कई आईएएस अफसर और कारोबारी पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। बिलासपुर, रायगढ़ और सरगुजा सहित कई ज़िलों में सीबीआई की छापेमारी हो चुकी है।
3️⃣ पीएससी भर्ती घोटाला
2021 की पीएससी परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी। CBI ने नवंबर 2024 में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सोनवानी को गिरफ्तार किया। उनके रिश्तेदार, अधिकारी और निजी संस्थानों से जुड़े लोग भी शिकंजे में आए। जांच में सामने आया कि करोड़ों रुपये में सौदे हुए और पेपर महासमुंद के जंगलों में सॉल्व कराए गए।
4️⃣ नान घोटाला
2015 में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई से उजागर हुआ यह मामला फिर से चर्चा में है। इस बार CBI जांच कर रही है। अनिल टुटेजा, आलोक शुक्ला और सतीश चंद्राकर पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वाट्सएप चैट्स से लेकर गवाहों तक, सबूत जुटाए जा रहे हैं।
5️⃣ सेक्स सीडी कांड
लंबे समय से चर्चा में रहा यह मामला अब भी CBI के पास है। भूपेश बघेल जिला अदालत से बरी हो चुके हैं, लेकिन CBI ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अगली सुनवाई 7 मई को है।
6️⃣ भुनेश्वर साहू हत्याकांड
बेमेतरा के बिरनपुर में हुई यह हत्या भी अब CBI के दायरे में है। जांच जारी है, और कई राजनीतिक और सामाजिक कोणों से इस केस की अहमियत बढ़ गई है।
ईडी की सक्रियता भी बनी सुर्खी
शराब और DMF घोटाले में ईडी की पूछताछ और गिरफ्तारियाँ लगातार हो रही हैं। वरिष्ठ अधिकारी और कारोबारी अब सलाखों के पीछे हैं।
लेकिन क्या बदलेगा सिस्टम?
बीते 25 वर्षों में राज्य का बजट 5,000 करोड़ से बढ़कर 1.5 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, और उसके साथ ही भ्रष्टाचार की जड़ें भी गहरी होती गईं।
जनमानस आज भी यही मानता है कि भ्रष्टाचार न पहले रुका था, न अब थमा है। कहीं खुला खेल फर्रुखाबादी था, अब सब कुछ परदे के पीछे से हो रहा है।
सिस्टम में भ्रष्टाचार तभी रुक सकता है जब दोषियों को संरक्षण नहीं, सजा मिले। जब जांच एजेंसियाँ केवल दिखावे की कार्रवाई नहीं बल्कि निर्भीक और निष्पक्ष जांच करें।
जनहित में जरूरी है…
- जांच एजेंसियाँ पक्ष-विपक्ष से ऊपर उठकर काम करें।
- आरोपियों को व्यवस्थाओं से दूर रखा जाए, जब तक वे दोषमुक्त न हों।
- सरकार अपनी कथनी और करनी में पारदर्शिता लाए।
- समाज भी सजग होकर आवाज उठाए और सजगता बनाए रखे।
छत्तीसगढ़ का रजत जयंती वर्ष सिर्फ उत्सव नहीं, आत्ममंथन का समय है। क्या हम व्यवस्था को वाकई भ्रष्टाचार मुक्त कर पाएंगे या फिर सब कुछ वही रह जाएगा, सिर्फ नाम बदल जाएंगे?सवाल गंभीर हैं—जवाब हमें और आपको ही तलाशने हैं… जनहित में।