छत्तीसगढ़ में अब प्रॉपर्टी और भी होगी महंगी, कलेक्टर दर में होगी 100 फीसदी की होगी बढ़ोतरी…

रायपुर। नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही छत्तीसगढ़ में ज़मीन की सरकारी कीमतों यानी कलेक्टर दरों में भारी बदलाव की तैयारी की जा रही है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई सहित कई जिलों में कलेक्टर दरों में 100 फीसदी तक बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो आम नागरिकों के लिए प्लॉट, मकान और दुकान खरीदना पहले की तुलना में कहीं ज्यादा महंगा हो जाएगा।

पांच साल बाद बड़ा बदलाव संभव

बताया जा रहा है कि वर्ष 2018-19 के बाद से अब तक कलेक्टर गाइडलाइन में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। कुछ क्षेत्रों में तो दरें 30% तक कम थीं। इस दौरान बाज़ार मूल्य लगातार बढ़ते रहे, जिससे सरकारी दरों और वास्तविक बाजार कीमतों के बीच बड़ा अंतर पैदा हो गया। अब इस फासले को कम करने के उद्देश्य से नई गाइडलाइन तैयार की जा रही है।

मूल्यांकन समिति करेगी अंतिम निर्णय

जिलों से प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति करेगी, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसी प्रक्रिया के कारण 2025-26 के लिए गाइडलाइन 1 अप्रैल के बजाय कुछ समय की देरी से जारी होगी।

रायपुर के आउटर इलाकों में बड़ा असर

गाइडलाइन में प्रस्तावित बढ़ोतरी का सर्वाधिक प्रभाव रायपुर के आउटर एरिया में देखा जा सकता है। सेजबहार, सड्डू, कचना, संतोषीनगर, पचपेड़ी नाका, मठपुरैना, सरोना, भाठागांव, ट्रांसपोर्ट नगर, बोरियाकला, बोरियाखुर्द सहित कई क्षेत्रों में जमीन खरीदना महंगा हो सकता है।

रजिस्ट्री पर भी बढ़ेगा भार

कलेक्टर दर में वृद्धि का सीधा असर रजिस्ट्री खर्चों पर पड़ेगा। वर्तमान में ज़मीन की रजिस्ट्री पर 5.5% स्टांप ड्यूटी देनी होती है, जबकि महिलाओं को इसमें 0.5% की छूट मिलती है। इसके अतिरिक्त 1% पंचायत उपकर और 1% निगम शुल्क भी लागू होता है। कुल मिलाकर खरीदार को लगभग 10% अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है, जो दरों में बढ़ोतरी के साथ और अधिक हो सकता है।

मध्यप्रदेश और तेलंगाना मॉडल पर नजर

पंजीयन विभाग ने हाल ही में मध्यप्रदेश और तेलंगाना के भूमि मूल्य निर्धारण मॉडल का अध्ययन किया है। मध्यप्रदेश में कलेक्टर दरों में 150% तक की वृद्धि की गई, जबकि तेलंगाना में औसतन 50% की बढ़ोतरी की गई। इन राज्यों में कीमत बढ़ने के बावजूद रियल एस्टेट में सुस्ती नहीं आई, बल्कि बाजार में तेजी देखी गई। इसी आधार पर छत्तीसगढ़ में भी दरें बढ़ाने की सिफारिश की गई है।

नई कलेक्टर गाइडलाइन लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ में ज़मीन, मकान और व्यवसायिक संपत्तियों की खरीदी निश्चित रूप से महंगी हो जाएगी। ऐसे में निवेश से पहले नई दरों की घोषणा पर नजर रखना जरूरी हो गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Popular

More like this
Related

Raipur Breaking News : GOLD’s GYM में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू, देखें Video

Raipur Breaking News : रायपुर. राजधानी रायपुर के तेलीबांधा...

CG Breaking: गुटखा बनाने वाली फैक्ट्री में GST का छापा, जांच जारी

प्रतीक चौहान, रायपुर। छत्तीसगढ़ में जीएसटी विभाग की सख्ती...