चुनाव 2025: रायपुर: छत्तीसगढ़ में आज राज्य निर्वाचन आयोग की प्रेस कांफ्रेंस के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। दोपहर 3 बजे से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। इस बार नगरीय निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से होंगे, जबकि पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएंगे। साथ ही, राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी प्रत्याशियों के चुनावी खर्चों पर कड़ी नजर रखने का भी ऐलान किया है।
नगरीय निकाय चुनाव में खर्च की सीमा तय छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए महापौर और अध्यक्षों के चुनावी खर्च की सीमा निर्धारित कर दी गई है। 5 लाख या उससे अधिक आबादी वाले नगर निगमों में महापौर प्रत्याशी 25 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे, जबकि 3 से 5 लाख की आबादी वाले नगर निगम के लिए यह सीमा 20 लाख रुपए और 3 लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों के लिए 15 लाख रुपए तक होगी।
नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्षों के लिए खर्च सीमा 50 हजार से अधिक आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 10 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे, जबकि 50 हजार से कम आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष के लिए यह सीमा 8 लाख रुपए तक होगी। नगर पंचायत अध्यक्षों के लिए खर्च की सीमा 6 लाख रुपए निर्धारित की गई है।
पार्षदों के लिए खर्च सीमा वहीं, नगर निगमों में 3 लाख या उससे ज्यादा आबादी वाले क्षेत्रों में पार्षदों के लिए खर्च की सीमा 8 लाख रुपए होगी। 3 लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों में पार्षदों के खर्च की सीमा 5 लाख रुपए होगी। नगर पालिका में पार्षदों के लिए खर्च की सीमा 2 लाख और पंचायतों में यह सीमा 75 हजार रुपए निर्धारित की गई है।
आचार संहिता के दौरान इन बातों का ध्यान रखें: आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रदेश में कुछ विशेष दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं:
- आचार संहिता से संबंधित किसी भी विषय पर तत्काल निर्णय लेने की स्थिति में राज्य निर्वाचन आयोग से परामर्श लिया जाए।
- कलेक्टर की अनुमति के बिना कर्मचारियों और अधिकारियों को अवकाश नहीं दिया जाएगा। साथ ही, नियुक्ति और पदस्थापना भी प्रतिबंधित रहेगी।
- सरकार के मंत्री कोई नई घोषणा नहीं कर पाएंगे और न ही भूमिपूजन या लोकार्पण कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
- लाउडस्पीकर के उपयोग, वाहनों की व्यवस्था, विश्रामगृहों और भवनों में कमरों का आरक्षण, कर्मचारियों की व्यवस्था, चुनावी शिकायतों का निपटारा, सरकारी वाहनों का उपयोग आदि पर प्रतिबंध रहेगा।
इस बार कुल 14 नगर निगमों में से 10 नगर निगम, 54 नगर पालिकाओं में से 45 नगरपालिका परिषद और 124 नगर पंचायतों में से 114 नगर पंचायत अध्यक्षों के चुनाव होंगे।