रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकारी बिजली कंपनी के अफसर उपभोक्ताओं की श्रेणी बदलकर बिलिंग में गड़बड़ी कर रहे हैं। यह खेल 2023 और उसके पहले का है, यह मामला कंपनी की सतर्कता की जांच और आरटीआई में मिले दस्तावेजों से सामने हैं। नियमों से को ताक पर रखकर खेले गए इस खेल में राजधानी रायपुर के एक सर्किल में एक करोड रुपए से ज्यादा की गड़बड़ी पकड़ी गई। इस तरह का खेल बिजली कंपनी के कई सर्किलो में चल रहा है। बिजली कंपनी में यह खेल पूर्ववर्ती सरकार के समय से चल रहा है, गौर करने वाली बात यह है कि बिजली कंपनी ऊर्जा विभाग के अंतर्गत आता है और ऊर्जा विभाग पहले भी मुख्यमंत्री के पास था और अभी भी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ही ऊर्जा विभाग के भार साधक मंत्री हैं।
बिजली कंपनी को राजस्व के नुकसान पहुंचाने वाले इस खेल को समझने से पहले यह जान ले की बिजली उपभोक्ताओं की अलग-अलग श्रेणी होती है और श्रेणी के हिसाब से बिजली दर तय होती है। विद्युत अधिनियम और कंपनी के रूल बुक में सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। कौन सा कनेक्शन घरेलू होगा और कौन सा गैर घरेलू और कौन सा औद्योगिक कनेक्शन की किस श्रेणी में आएगा यह सब तय है। एक परिसर में एक से अधिक कनेक्शन नहीं हो सकता इन्हीं नियमों के आधार पर बिजली कंपनी उपभोक्ताओं को बिल जारी करती है और उल्लंघन मिलने पर कार्रवाई की जाती है। कंपनी के इस खेल के संबंध में कंपनी के ही एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरटीआई के जरिए दस्तावेज हासिल किया है।
कंपनी को राजस्व का नुकसान पहुंचाने वाले इस खेल के दो रूप अब तक सामने आए हैं इनमें एक मामला एक ही औद्योगिक परिसर में अलग-अलग नाम से एक से अधिक कनेक्शन का है। औद्योगिक कनेक्शन लोड यानी खपत के हिसाब से दिए जाते हैं, लोड बढ़ाने के साथ बिजली के दर बढ़ जाती है, ऐसे में बिजली बिल का भार कम करने के लिए कुछ लोग दो कनेक्शन ले लेते हैं, जो नियम के विरुद्ध है। विजिलेंस की जांच में ऐसे 3 मामले पकड़े गए दिन में एक ही औद्योगिक परिषद में एक से ज्यादा कनेक्शन थे दोनों ही कनेक्शन का उपयोग एक ही काम में किया जा रहा था। विजिलेंस की जांच में पकड़े जाने के बाद भी ऐसे उपभोक्ताओं के यहां से ना तो दूसरा कनेक्शन हटाया गया और ना ही वसूली की कार्रवाई की गई।