रायपुर। बहुचर्चित महादेव एप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले ये मामला कांग्रेस नेता के लिए कई समस्याएं पैदा कर सकता है।
पूर्व सीएम बघेल पर पुलिस के एफआईआर में आईपीसी के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत आरोप लगाया गया हैं। इस एफआईआर में भूपेश बघेल के अलावा महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 अन्य लोगों का नाम शामिल है।
इसी साल 8 और 30 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा राज्य पुलिस को दो रिपोर्ट भेजे जाने के बाद बघेल के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया। दरअसल, ईडी के रिपोर्ट में कहा गया है कि धन संरक्षण के बदले महादेव ऐप की अवैध गतिविधियों को अनुमति देने के लिए राज्य सरकार के शीर्ष स्तर के पदाधिकारियों की संलिप्तता का खुलासा करता है।
पिछले साल नवंबर में वित्तीय अपराध जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि चंद्राकर और उप्पल ने बघेल को ₹508 करोड़ की रिश्वत दी थी।वर्तमान में दोनों संयुक्त अरब अमीरात की देखरेख में हिरासत में हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के माध्यम से उनके प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध पहले ही संयुक्त अरब अमीरात भेजा जा चुका है।
अब ED के पास राम गोपाल टुटेजा की डायरी है। जिसमें सभी दो नंबर के लेन देन का हिसाब किताब 18 महीने का है। उसके अनुसार भी कार्रवाई ED पुख़्ता तौर पर money trail, को सबूत के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकती है। हज़ार करोड़ रुपये से ऊपर का सट्टे का लेन देन इसी डायरी में टुटेजा और राम गोपाल के यहाँ ज़ब्त हुई है। कागज के आधार पर भी कार्रवाई किया जाएगा। ED अब फटाफट अपने द्वारा दर्ज केस को अंजाम में पहुँचा सकती है।
भूपेश बघेल की और भी मुसीबत बढ़ने वाली है। भूपेश बघेल के ऊपर राजनीतिक संकट और बढ़ेगा। ऐसे आसार राजनीतिक सूत्रों के अनुसार आ रहे है। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का नाम सोनिया राहुल और प्रियंका का भी इसी डायरी में होने का प्रमाण है। इसी मनी ट्रेल वाली डायरी में भी दर्ज है। अब इस डायरी का उपयोग और इसके पन्ने अब ED के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण हो गए हैं।