Sell Life Insurance: क्या आपको भी बेचना है अपना लाइफ इंश्योरेंस, जानिए हर सवाल का जवाब…

Sell Life Insurance: इन दिनों बीमा पॉलिसी को थर्ड पार्टी या बैंक को बेचने का ट्रेंड बढ़ रहा है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आर्थिक संकट के दौरान क्या जीवन बीमा को सरेंडर करना सही रहेगा या फिर उसे किसी थर्ड पार्टी को बेचना बेहतर होगा। दरअसल, जीवन बीमा पॉलिसी बीमा कंपनी और पॉलिसीधारक के बीच एक समझौता होती है।

इसमें नॉमिनी का पॉलिसीधारक से करीबी या खून का रिश्ता होना जरूरी है, लेकिन कुछ मामलों में ऋणदाता या पॉलिसी खरीदार को नॉमिनी के तौर पर रजिस्टर किया जा रहा है।

आइए, अब समझते हैं कि जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर करने या थर्ड पार्टी को बेचने के क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।

सवाल: पॉलिसी बेचें या सरेंडर करें?

जवाब: सामान्यत: अगर सरेंडर वैल्यू कम हो, तो पॉलिसी बेचना बेहतर है, क्योंकि इससे कुछ अतिरिक्त पैसे मिल सकते हैं। इस मामले में बीमा कंपनियां नॉमिनी के तौर पर पॉलिसीधारक के रिश्तेदार के बजाय किसी अन्य व्यक्ति का नाम डालने पर भी सहमति देती हैं। इसे असाइनमेंट कहा जाता है, जिससे आपका और आपके परिवार का पॉलिसी पर अधिकार समाप्त हो जाता है। पॉलिसी खरीदने वाला व्यक्ति आगे प्रीमियम का भुगतान करेगा और मैच्योरिटी राशि प्राप्त करेगा।

कुछ मामलों में बीमा कंपनियां समझौते के आधार पर मृत्यु दावा और अन्य लाभ भी देती हैं, लेकिन यह कंपनियों की शर्तों पर निर्भर करता है। अधिकतर मामलों में नॉमिनी को यह पता भी नहीं चलता कि उसका नाम पॉलिसी से हटा दिया गया है।

सवाल: क्या कोई और विकल्प है? (Sell Life Insurance)

जवाब: अगर आपको तुरंत पैसे की जरूरत हो तो एंडोमेंट और यूलिप पॉलिसीधारक अपनी बीमा कंपनी से पॉलिसी के सरेंडर वैल्यू का 80-90% तक लोन ले सकते हैं। हालांकि, लोन का ब्याज चुकाना होगा। इस विकल्प में बीमा की पॉलिसी जारी रहती है और बोनस, आकस्मिक मृत्यु, नॉमिनी के अधिकार भी सक्रिय रहते हैं।

सवाल: हम पॉलिसी किसे बेच सकते हैं?

उत्तर: जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने का चलन बढ़ा है, और कई कंपनियां यह सेवा प्रदान करती हैं। आप ऐसी कंपनियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, धोखाधड़ी से बचने के लिए अपनी बीमा कंपनी पर विश्वास बनाए रखें।

प्रश्न: इसकी प्रक्रिया क्या होगी? (Sell Life Insurance)

उत्तर: नॉमिनी बदलने की सामान्य प्रक्रिया लागू होगी। बीमा कंपनी आपको इसकी पूरी जानकारी देगी। पॉलिसी खरीदने वाली संस्था के द्वारा ओवरड्राफ्ट मिलने के बाद पॉलिसी गिरवी रख दी जाती है, और मूल पॉलिसी बांड खरीदार के पास चला जाता है।

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