दिल्ली। राजधानी दिल्ली के महिला एवं बाल विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर द्वारा दोस्त की नाबालिग बेटी से हैवानीयत का मामला सामने आया है। जिसके बाद सोमवार को सीएम केजरीवाल ने आरोपी अफसर को सस्पेंड कर मुख्य सचिव से आज शाम तक मामले की रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में पुलिस कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
पिता की मौत के बाद हुई दूर्दशा
मासूम संग हुए अत्याचार की कहानी शुरु होती है बुराड़ी के चर्च से जहां कोरोना काल में पीड़िता के पिता की पहचान हैवान अफसर से हुई थी। 14 वर्षीय पीड़िता उसे मामा बुलाती थी। हैवान अफसर ने नवंबर 2020 में दोस्त की मौत के बाद उसकी नाबालिग बेटी को अपने घर ले आया और जनवरी 2021 तक उसका यौन शोषण करता रहा। इस दौरान पीड़िता प्रेग्नेंट भी हो गई थी जिसकी जानकारी आरोपी की पत्नी को हुई, लेकिन उसने आरोपी का बचाव करते हुए चुपचाप अबॉर्सन पिल्स खिला कर उसे इस बात को राज़ रखने को कहा।
जनवरी 2021 में पीड़िता की मां उसे अपने साथ घर ले गई। हालांकि, पीड़िता ने रेप की बात अपने घरवालों को नहीं बताई। मामले का खुलासा तब हुआ जब अगस्त में लड़की को एंग्जाइटी अटैक आया। पीड़िता को सेंट स्टीफंस हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, जहां पर उसने काउंसलिंग के दौरान डॉक्टर को आपबीती सुनाई।
पीड़ित बयान देने के लिए अभी मेंटली फिट नहीं : डॉक्टर्स
इस मामले में 13 अगस्त को बुराड़ी पुलिस ने पॉक्सो सहित IPC की कई धाराओं में केस दर्ज किया है। न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए उत्तरी जिला के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि लड़की का बयान दर्ज करने के बाद कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल डॉक्टरों ने बताया कि पीड़ित बयान देने के लिए फिट नहीं है।
क्या छुपाना चाहती है दिल्ली पुलिस: DCW चीफ
वहीं इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी है। सोमवार को DCW चीफ पीड़ित से मिलने अस्पताल पहुंची, लेकिन उन्हें रोक दिया गया जिसका वीडियो जारी कर उन्होंने कहा- अस्पताल प्रशासन मुझे नाबालिग से मिलने से रोक रहे हैं। गार्ड कह रहे हैं पुलिस ने मना किया है। ये चल क्या रहा है? पहले तो आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रहे। ऊपर से मुझे लड़की से मिलने से रोक रहे हैं? क्या छुपाना चाहती है दिल्ली पुलिस