अनवर ढेबर को EOW ने फिर हिरासत में लिया

रायपुर। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने कार्रवाई तेज कर दिया गुरुवार को जमानत पर चल रहे कारोबारी अनवर ढेबर को EOW ने हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है।

जानकारी के मुताबिक ACB की टीम आज अनवर को कोर्ट में पेश कर रिमांड लेने की कोशिश करेगी EOW ने शराब घोटाले केस में आरोपी कारोबारी अरविंद सिंह को जेल से छूटने के बाद गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। अरविंद सिंह को कोर्ट ने 8 अप्रैल तक रिमांड पर सौंप दिया है।

अनवर ढेबर मेडिकल ग्राउंड पर जमानत पर था लेकर स्कैम केस में ED ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें अनवर ढेबर के अलावा एपी त्रिपाठी, अरविंद सिंह, नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन शामिल है। सभी को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई कारोबारी ढेबर ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत ली थी अब EOW ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

अनवर ढेबर को हिरासत में लेने की सूचना मिलने के बाद रायपुर के महापौर एजाज ढेबर जो उनके भाई है। वह अपने भाई से मिलने EOW के ऑफिस पहुंचे इस दौरान उनका भतीजा शोएब ढेबर भी साथ था, मुलाकात के बाद में वह रवाना हो हुए।

बताते चले कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने NCP नेता रामावतार जग्गी मर्डर केस के 27 दोषियों की अपील खारिज करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें मेयर ढेबर का भाई याहया ढेबर भी शामिल है। वहीं अब दूसरा भाई अनवर ढेबर को शराब घोटाले केस में गिरफ्तार किया गया है। जो ढेबर परिवार के लिए बहुत ही खराब है। शराब घोटाले में IAS और अनवर ढेबर को शामिल किया गया है।

ED की FIR के मुताबिक अवैध वसूल के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को IAS अफसर की नजदीकी का पूरा फायदा मिला। CSMCL के MD के रूप में अरुणपति त्रिपाठी की नियुक्ति IAS ऑफिसर के प्रभाव की वजह से हो सकी। राज्य की नौकरशाही में प्रभाव के चलते इस ने अनवर ढेबर और बाकी अधिकारियों के जरिए हम नियुक्तियों और सिंडिकेट को कंट्रोल किया। इसके अलावा सिंडिकेट को संरक्षण देने का काम पूर्व IAS विवेक ढाढ़ ने किया, जिन्हें अवैध राशि का शेयर दिया जाता था। ढेबर के कारोबारी को FL10A लाइसेंसधारी, मैनपॉवर, कैश कलेक्शन, जैसे सभी अहम जगहों पर रखा गया। उनके सहयोगियों ने हजारों करोड़ रुपए का कमीशन कलेक्ट किया। ED की FIR में IAS के बेटे यश का भी नाम है।

1. IAS, तत्कालीन सयुक्त सचिव (वाणिज्यिक एवं उद्योग विभाग छत्तीसगढ़ शासन)

2. अनवर ढेबर, कारोबारी।

3. अरुणपति त्रिपाठी (प्रबंधन संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड)

4. मैसेज रतन प्रिया मीडिया प्राइवेट लिमिटेड

5. कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री)

6. निरंजन दास ( IAS, तत्कालीन आबकारी आयुक्त)

7. जनार्दन कौरव (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)

8. अनिमेष नेताम ( तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)

9. विजय सेन शर्मा ( तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)

10. मोहित कुमार जायसवाल (जिला आबकारी अधिकारी)

 

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