रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को अपने केंद्रीय संगठन में बड़े बदलाव किए हैं। इसमें छत्तीसगढ़ को खास स्थान दी है। पहली बार प्रदेश से तीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किये गए हैं। इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह पहले भी इस पद पर रहे हैं, लेकिन पूर्व मंत्री लता उसेंडी और सांसद सरोज पांडे की नियुक्ति खास है।
इधर, केंद्रीय कार्यकारिणी में जगह मिलने पर डॉ रमन सिंह और सरोज पांडे का बयान सामने आया है। रमन सिंह ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक संगठन और भारत के विश्वास की प्रतीक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व प्रदान करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संगठन के अध्यक्ष जेपी नड्डा का बहुत आभार।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इस महत्वपूर्ण पद पर पूरी ज़िम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करूंगा। इसके साथ ही नव दायित्व प्राप्त होने पर बाक़ी सभी साथियों को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
वहीं सरोज पांडे ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाये जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह समेत समस्त शीर्ष नेतृत्व का आभार प्रकट किया है।
सरोज पांडे ने कहा कि मां दंतेश्वरी के आशीर्वाद से संगठन द्वारा मिले हर दायित्व का पूरी निष्ठा और कर्मठता के साथ निर्वहन करने का प्रयास करूंगी।
उसेंडी की नियुक्ति आदिवासी वोटर्स पर नजर, साय के नुकसान की भरपायी
पिछले बार विश्व आदिवासी दिवस पर विष्णुदेव साय को प्रदेश अध्यक्ष से हटाया था। इसका प्रदेश में और खासकर आदिवासी समाज पर गलत संदेश गया था। वहीं इस बार किसी आदिवासी चेहरे और एक महिला को केंद्रीय नेतृत्व में पद देकर बड़ा संदेश दिया है। वहीं दुर्ग संभाग से बीजेपी में आपसी कलह है। यहां भारी सत्ता विरोधी लहर और सरोज गुट के नाराजगी के चलते बुरी हार मिली थी। इस बार इसे भरपाई करने की कोशिश की गई है।
बड़ी बात डॉ रमन सिंह की नियुक्ति है। इसका आशय है कि वे अभी प्रदेश बीजेपी में बड़े चेहरे हैं। आगामी चुनाव में अगर पार्टी को जीत मिलती है तो वे एक बार फिर मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार रहेंगे। यानी संगठन ने राज्य के नेताओं को साफ संदेश दे दिया है। इसी तरह झारखंड और राजस्थान में भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी नजर अंदाज नहीं किया है।