Birthright Citizenship: बर्थराइट सिटिजनशिप: ट्रंप को बड़ा झटका, अमेरिकी कोर्ट ने ऑर्डर पर लगाई रोक, लाखों भारतीयों को मिली राहत…

Birthright Citizenship: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके दूसरे कार्यकाल में एक बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी कोर्ट ने ट्रंप के बर्थराइट सिटिजनशिप (जन्म से नागरिकता) खत्म करने के आदेश पर 14 दिनों के लिए रोक लगा दी है। यह फैसला फेडरल कोर्ट ने गुरुवार को सुनाया। वॉशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन राज्य के द्वारा की गई याचिका के बाद यह आदेश आया। इस फैसले से लाखों भारतीयों को बड़ी राहत मिली है, जो अमेरिका में बच्चे का जन्म कर नागरिकता प्राप्त करना चाहते थे।

फेडरल कोर्ट के जज जॉन कफनौर ने इस आदेश को ‘स्पष्ट रूप से असंवैधानिक’ करार दिया, क्योंकि यह अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन का उल्लंघन करता है। ट्रंप का आदेश अब कानूनी चुनौतियों का सामना करेगा और वह ऊपरी अदालत में इसके खिलाफ याचिका दायर करेंगे।

कानूनी लड़ाई और ट्रंप का आदेश

सीएनएन के मुताबिक, फेडरल कोर्ट ने वाशिंगटन राज्य के अटॉर्नी जनरल निक ब्राउन और डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले राज्यों के आपातकालीन अनुरोध को स्वीकार किया है। जस्टिस कॉफनर ने यह सवाल भी उठाया कि इस आदेश पर हस्ताक्षर करने के समय वकील कहां थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला उन्हें चकित कर रहा है, क्योंकि किसी सदस्य ने यह दावा किया कि यह आदेश संवैधानिक था।

ट्रम्प का आदेश और भारतीयों पर प्रभाव (Birthright Citizenship)

ट्रंप के आदेश के बाद 20 फरवरी से अमेरिकी अस्पतालों में सी-सेक्शन (सर्जिकल डिलीवरी) द्वारा बच्चे का जन्म कराने की घटनाएं बढ़ने लगी थीं। यह महिलाएं अवैध रूप से अमेरिका में आकर अपने बच्चों को अमेरिकी नागरिकता दिलवाने की कोशिश कर रही थीं। ट्रंप का यह आदेश बर्थ टूरिज्म को रोकने के लिए था, जिससे भारतीयों के लिए समस्याएं बढ़ सकती थीं।

अमेरिका में भारतीयों की स्थिति

अमेरिका में करीब 54 लाख भारतीय रहते हैं, जो अमेरिकी आबादी का करीब डेढ़ प्रतिशत हैं। इनमें से अधिकांश पहले जेनरेशन इमिग्रेंट्स हैं। ट्रंप का आदेश फर्स्ट जेनरेशन इमिग्रेंट्स के लिए अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करना कठिन बना सकता है।

बर्थराइट सिटिजनशिप का इतिहास

अमेरिका में बर्थराइट सिटिजनशिप का कानून 1868 में अमेरिकी संसद द्वारा 14वें संशोधन के रूप में पास किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य गुलामी से मुक्ति पाने वाले अफ्रीकी अमेरिकियों को नागरिकता देना था। इसके बाद इस संशोधन को इस प्रकार लागू किया गया कि अमेरिका में जन्म लेने वाले सभी बच्चे नागरिक माने गए, चाहे उनके माता-पिता का इमिग्रेशन स्टेटस जो भी हो।

बर्थ टूरिज्म: एक बहस (Birthright Citizenship)

इस कानून का फायदा उठाकर कई लोग अमेरिका में बच्चों को जन्म देकर नागरिकता प्राप्त करते हैं, जिसे आलोचक ‘बर्थ टूरिज्म’ कहते हैं। 2022 की प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, 16 लाख भारतीय बच्चों को अमेरिका में जन्म लेने पर नागरिकता मिली है।

अमेरिकी कोर्ट का यह फैसला लाखों भारतीयों के लिए राहत की खबर है, लेकिन इस पर कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।

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