रायपुर। सीएम विष्णु देव साय ने आज संदेशखाली की घटना को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। सीएम ने वहां आदिवासी महिलाओं पर और अत्याचार पर चिंता व्यक्त की है। सीएम ने पत्र में लिखा है कि महज तुष्टिकरण और वोट की राजनीति के कारण इस प्रदेश में आदिवासियों का जीवन संकट में डालना, उनके सम्मान और जान-माल के साथ हो रहा खिलवाड़ असहनीय है। सीएम के इस पत्र पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि जब भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं का उत्पीड़न होता है तब सीएम साय मौन क्यों रहते हैं।
यहां जंगल काटे जा रहे हैं और सीएम मौन है दीपक बैज ने यह भी कहा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र पर प्रति किया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि देश में कहीं भी महिला के ऊपर अत्याचार हो रहा हो, पीड़ित महिला को न्याय मिलने में देरी हो रही है तो निश्चित तौर पर आवाज उठाना चाहिए। पीड़ित के साथ खड़ा होना चाहिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय चुनावी लाभ हानि को देखते हुए पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखते हैं। संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा और न्याय देने की मांग करते हैं, लेकिन भाजपा शासित राज्य मणिपुर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात, हरियाणा में महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचारो पर मौन क्यों हो जाते हैं?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार बनने के बाद प्रदेश के आदिवासी वर्ग के जंगल जमीन जल पर कब्जा करने की खुली छूट दे दी गई है। हसदेव अरण्य के जंगल की कटाई और कोल खनन की सहमति विष्णु देव साय ने दे दी है। जंगल की कटाई और वन्य प्राणियों की रक्षा के लिए प्रकृति बचाने के लिए आदिवासियों के द्वारा विरोध किया गया तब भाजपा सरकार की पुलिस उन आदिवासियों को डारा धमकर कर जेल में बंद कर दिया आदिवासियों के पांचवी अनुसूची के कानूनी अधिकारों का भी पालन नहीं किया जा रहा है, अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए सारे नियम कानून को ताक पर रख दिया गया है। विष्णु देव साय को आदिवासी जनजाति की चिंता क्यों नहीं है? क्या प्रदेश के आदिवासी के प्रति उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है? इसका जवाब देना चाहिए।
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को सीएम साय ने पत्र में लिखा है कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में माता बहनों के साथ अन्य की जो घटना प्रकाश में आई वह हृदयविदारक है, मन को पीड़ा पहुंचाने वाली है। आपके प्रदेश संदेशखाली क्षेत्र में 50 से अधिक जनजाति समुदाय की महिला ने दुष्कर्म एवं हजारों आदिवासियों से उनकी जमीन छीन लेने, यहां तक की मनरेगा की मजदूरी तक का पैसा छीन लेने जैसी वारदातों ने मानवता को कलंकित किया है। राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने जो रिपोर्ट दिए हैं, वह वीभत्स और भयानक है। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री होने के नाते आपसे आशा है कि कड़ा हस्तक्षेप का त्वरित कार्यवाही के निर्देश देकर दोषियों को कड़ी सजा प्रदान करेगी। शाहजहां, सिराजुद्दीन जैसे अपराधियों के साथ उनके राजनीतिक संरक्षणकर्ताओं के विरुद्ध कानून समाप्त कार्रवाई करने का आग्रह आपसे करता हूं। मानवता के हित से जुड़े इस मामले में आप भी राजनीतिक गुणा भाग से ऊपर उठकर निर्णय लेगी।