Waqf Board: मुंबई. महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड (Maharashtra Waqf Board) के खिलाफ लगातार हिंदू किसानों की जमीनों पर कब्जे की शिकायतें आती रही हैं, और अब एक नया विवाद सामने आया है। वक्फ बोर्ड ने लातूर जिले के 100 से अधिक किसानों की 300 एकड़ जमीन पर अपना दावा ठोका है। इस संबंध में 103 किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं। किसानों का कहना है कि यह जमीन उनकी पीढ़ियों से चली आ रही है, और वे इसके मालिक हैं।
किसानों का विरोध और न्याय की मांग
लातूर जिले के किसान तुकाराम कनवटे ने कहा, “ये जमीनें हमें पीढ़ियों से विरासत में मिली हैं। ये वक्फ संपत्ति नहीं है। हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार हमें न्याय दे।” किसानों ने बताया कि इस मामले में पहले ही अदालत में दो सुनवाई हो चुकी हैं, और अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।
वक्फ (संशोधन) विधेयक: मोदी सरकार का कदम
इससे पहले, मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड के कामकाज में सुधार करने के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक (Waqf Act Amendment Bill) पेश किया था। यह विधेयक लोकसभा में 8 अगस्त 2024 को प्रस्तुत किया गया था, और इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन करना है। इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है।
वक्फ बोर्ड की जबरन कब्जे की इतिहास
वक्फ बोर्ड का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले 2022 में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के तिरुचेंथुरई गांव में वक्फ बोर्ड ने 1500 साल पुराना हिंदू मंदिर और उसकी 369 एकड़ संपत्ति को हड़पने के लिए दावा ठोक दिया था। अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में इस बात की जानकारी दी थी, और यह दावा पूरी तरह से गलत था, क्योंकि इस गांव में मुस्लिम आबादी का इतिहास ही नहीं था।
देशभर में वक्फ बोर्ड के खिलाफ शिकायतें
देशभर में वक्फ बोर्ड के खिलाफ ऐसी कई शिकायतें मिल चुकी हैं। इन मामलों ने वक्फ बोर्ड की गतिविधियों पर सवाल उठाए हैं और इसे लेकर सरकार और अदालत से न्याय की उम्मीद जताई जा रही है।