Ganesh Idol Sale Ban Raipur: रायपुर। राजधानी रायपुर में गणेशोत्सव से पहले निगम प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब इस बार गणेश मूर्तियों की बिक्री सड़क किनारे नहीं हो सकेगी। ट्रैफिक व्यवस्था का हवाला देते हुए निगम ने मूर्तिकारों को लाखेनगर मैदान में दुकानें लगाने की अनुमति दी है। लेकिन इसी फैसले को लेकर कुछ हलकों में सवाल उठने लगे हैं, क्या यही सख्ती अन्य धार्मिक आयोजनों, जैसे ईद, बकरीद या मीलाद-उन-नबी के दौरान भी देखने को मिलती है?
निगम की इस पहल का उद्देश्य है कि त्योहारों के दौरान शहर की सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या न बढ़े। महापौर मीनल चौबे के निर्देश पर एमआईसी मेंबर दीपक जायसवाल ने ज़ोन-5 और ज़ोन-7 के अधिकारियों और मूर्तिकार संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में तय किया गया कि ईदगाह भाठा के पास स्थित लाखेनगर मैदान को मूर्ति विक्रेताओं के लिए विशेष रूप से चिन्हित किया गया है।
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Ganesh Idol Sale Ban Raipur
बैठक में शामिल हुए शुद्ध प्रजापति, रवि प्रजापति, अरुण प्रजापति सहित कई मूर्तिकारों ने निगम के इस फैसले पर सहमति जताई। निगम की ओर से बताया गया कि सड़क पर मूर्ति बिक्री से न केवल ट्रैफिक बाधित होता है, बल्कि धार्मिक मूर्तियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार भी संभव नहीं हो पाता।
लेकिन सवाल यह भी उठता है कि क्या प्रशासन की यह नीति हर धर्म के साथ समान रूप से लागू होती है? जब सड़क पर त्योहार के नाम पर अन्य समुदायों के कार्यक्रमों में दुकानें और तंबू लगते हैं, तो क्या तब भी इसी तरह की सख्ती दिखाई जाती है?
क्या यह फैसला सिर्फ ट्रैफिक सुधार है या एकतरफा नियम?
शहर की जनता प्रशासन की इस कोशिश को तो सराह रही है, लेकिन साथ ही सभी धर्मों के लिए समान नियम लागू करने की मांग भी कर रही है। त्योहार चाहे किसी का भी हो, कानून और व्यवस्था एक जैसी होनी चाहिए, तभी असली सेक्युलरिज़्म का मतलब साबित हो पाएगा।