CG Assembly Budget Session: रायपुर। विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान धान और चावल के उठाव को लेकर गंभीर सवाल उठे, लेकिन सरकार की ओर से स्पष्ट जवाब नहीं मिल सका। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खरीफ वर्ष 2024-25 में केंद्रीय पुल में धान उठाव और चावल जमा करने का मुद्दा उठाया, जिस पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने केवल लक्ष्य बताने तक ही सीमित जवाब दिया।
सरकार के अनुसार, 69.72 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य है, लेकिन अब तक केवल 9 लाख मीट्रिक टन चावल ही जमा किया गया है, जो लक्ष्य की तुलना में बेहद कम है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार अभी तक धान उठाव की प्रक्रिया को प्रभावी रूप से लागू नहीं कर पाई है।
कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने संजारी बालोद में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर सवाल उठाया, जिसमें यह सामने आया कि उनके क्षेत्र में 2 करोड़ 22 लाख 500.48 टन धान की खरीदी हुई है, लेकिन सरकार ने यह स्वीकार किया कि धान खरीदी के लिए कोई स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया था, बल्कि यह केवल अनुमान पर आधारित था।
जब विधायक सिन्हा ने पूछा कि रकबा से कम धान खरीदी क्यों हुई, तो मंत्री ने जवाब दिया कि जितना धान किसानों से आया, उतना खरीदा गया। इस जवाब से किसानों में असंतोष बढ़ सकता है, क्योंकि यह सरकार की नीतिगत अस्थिरता को दर्शाता है। किसानों को उनकी उपज के उचित दाम और खरीद की गारंटी न मिलने से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सरकार का अस्पष्ट और लचर रवैया यह संकेत देता है कि धान खरीदी की प्रक्रिया में समुचित योजना और पारदर्शिता का अभाव है, जिससे किसान प्रभावित हो सकते हैं।