बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुत चर्चित कोयला घोटाले मामले में कारोबारी सुनील अग्रवाल की जमानत अर्जी हाई कोर्ट ने दूसरी बार खारिज कर दी है। इस बार मेडिकल ग्राउंड पर बेल देने की मांग की थी। जिस पर हाई कोर्ट ने जस्टिस एन. के व्यास ने एक माह पहले आर्डर रिजर्व रखा था। लेकिन अब जमानत देने से इनकार कर दिया है। मामले में प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रही है। प्रदेश के सीनियर आईएएस, व्यापारियों और राजनीति से जुड़े लोगों के साथ ही बिचौलियों के माध्यम से कोयला परिवहन में कमीशन खोरी का घोटाला किया गया।
कारोबारी सुनील अग्रवाल ने हाई कोर्ट में दूसरी बार जमानत अर्जी लगाई थी जिसमें उन्होंने मेडिकल ग्राउंड पर जमाया देने की मांग की और अपने इलाज के संबंध मेडिकल रिपोर्ट भी पेश किए ED ने अपनी विशेष अदालत में दिए गए आवेदन में बताया कि सुनील अग्रवाल ने स्वास्थ्य का हवाला देकर दिसंबर 2022 से लगातार जेल अस्पताल में रहे। इसके साथ ही मेडिसिन अस्पताल के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में 3 महीने से ज्यादा समय बिता चुके हैं। जेल प्रबंधन की ओर से लगातार उनका इलाज करवाया जा रहा है, ऐसे में जमानत देना उचित नहीं है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अब फैसला सुना दिया है।
अब तक एड ने केस में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी छत्तीसगढ़ केंद्र के आईएएस अधिकारी समीर बिश्नोई और कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल समिति 9 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं। ईडी ने बताया था कि 2 साल के अंदर 540 करोड़ का घोटाला हुआ है, इन आरोपियों की 152 करोड रुपए की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
कोयला परिवहन में 25 रूपए टन की लेवी वसूल मामले में ईडी ने इंद्रमणि कोल के डायरेक्टर सुनील अग्रवाल को 11 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि कोल स्कैम मामले के किंगपी सूर्यकांत तिवारी के काले धन को सुनील अग्रवाल के जरिए व्हाइट करने और संपत्ति में निवेश किया गया है। सुनील अग्रवाल ने हाई कोर्ट 15 फरवरी 2020 में पहली बार जमानत याचिका लगाई थी जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।