Indian Citizenship: दिल्ली पुलिस ने एक बड़े सिंडिकेट का खुलासा किया है, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या मुस्लिमों को मात्र ₹20 में भारतीय नागरिकता देने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाता था. पुलिस ने इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 5 बांग्लादेशी नागरिक और 7 लोग शामिल हैं जो फर्जी दस्तावेज तैयार करने का काम करते थे.
संगम विहार मर्डर केस के दौरान खुलासा
यह सनसनीखेज मामला साउथ दिल्ली के संगम विहार इलाके में हुए एक मर्डर केस की जांच के दौरान सामने आया. पुलिस ने मृदुल मियां, उसकी पत्नी सिंथिया शेख, फरदीन अहमद और उसकी पत्नी रीपा समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया. जांच में यह भी पता चला कि मर्डर का मुख्य कारण रंजिश और पैसे के लेन-देन से जुड़ा था, और मरने वाला सेटों शेख बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाता था.
जंगल के रास्ते भारत में घुसपैठ
पुलिस जांच में यह सामने आया कि यह सिंडिकेट बांग्लादेशी नागरिकों को जंगल के रास्ते भारत में घुसपैठ कराता था. भारत पहुंचने के बाद, इन घुसपैठियों को सिम कार्ड, नकद पैसे और फर्जी दस्तावेज़ दिए जाते थे. फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने के लिए ‘जनता प्रिंट्स’ नामक एक वेबसाइट का इस्तेमाल किया जाता था, जिसे रजत मिश्र नामक व्यक्ति चला रहा था. यह वेबसाइट मात्र ₹20 में आधार कार्ड, वोटर आईडी और पैन कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ तैयार करती थी.
20 रुपये में फर्जी दस्तावेज़ (Indian Citizenship)
डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने के लिए ‘जनता प्रिंट्स’ वेबसाइट का इस्तेमाल किया जाता था, जो ₹20 में कागजात प्रिंट करती थी. रजत मिश्र, जो इस वेबसाइट का संचालक था, को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इस मामले में 4 नकली वोटर कार्ड, 21 आधार कार्ड और 6 पैन कार्ड बरामद किए हैं.
बांग्लादेशी घुसपैठियों का आपराधिक नेटवर्क
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि बांग्लादेशी नागरिकों का यह नेटवर्क सिर्फ फर्जी दस्तावेज़ बनाने तक सीमित नहीं था, बल्कि अन्य अपराधों में भी संलिप्त था. दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बांग्लादेशी अपराधियों की एक सूची तैयार की जा रही है, और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी निगरानी रखी जा रही है.
एलजी के आदेश पर सख्त कार्रवाई
यह कार्रवाई दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर की जा रही है. उन्होंने दिल्ली पुलिस को दो महीने के भीतर बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसके साथ ही पुलिस विशेष ऑपरेशन चला रही है, जिससे घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें बाहर किया जा सके.
अन्य राज्यों की पुलिस का सहयोग
इस अभियान में पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी शामिल किया गया है, ताकि बांग्लादेशी नागरिकों के नेटवर्क और उनके आपराधिक गतिविधियों को पूरी तरह से खत्म किया जा सके.
भारत में घुसपैठ का तरीका (Indian Citizenship)
बांग्लादेश से अवैध अप्रवासी भारत में घुसने के लिए जंगल के रास्तों का इस्तेमाल करते थे. इसके बाद उन्हें बाइक से नजदीकी शहर में ले जाकर एक्सप्रेस ट्रेनों से दिल्ली भेज दिया जाता था. दिल्ली पहुंचने पर उन्हें फर्जी आधार कार्ड, अस्थायी सिम कार्ड और यात्रा के लिए नकद राशि दी जाती थी.