रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत के साथ ही राजधानी रायपुर में महापौर एजाज़ ढेबर को हटाने की कवायद शुरु हो गई है। बीजेपी पार्षद दल ने एजाज ढेबर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मंगलवार दोपहर को नगर निगम कार्यालय में बैठक बुलाई है।
वहीं सोमवार देर रात पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के घर पर कांग्रेस पार्षदों की करीब डेढ़ घंटे की बैठक हुई। जिसमें मोहम्मद अकबर, मेयर एजाज ढेबर, MIC सदस्य आकाश शर्मा के साथ कई कांग्रेस नेता मौजूद रहे।
महापौर से तत्काल इस्तीफे की मांग
नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने पत्रकारों से कहा- छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार आई है। रायपुर शहर की जनता ने भी भाजपा को जनाधार दिया है। महापौर को नैतिकता के आधार पर अपने पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि, नगर निगम के कई निर्दलीय पार्षद जिन्होंने कांग्रेस में प्रदेश किया था वे हमारे सम्पर्क में है। कांग्रेस ने अपने पार्षद अजित कुकरेजा को निष्कासित कर दिया है। उनसे बात की जाएगी। इस मामले में संगठन से भी रायशुमारी की जा रही है।
क्या अजीत कुकरेजा भाजपा में करेंगे प्रवेश ? जानिए पार्षद ने क्या कहा…
रविवार को चुनावी नतीजे सामने आये और सोमवार शाम को ही अजीत कुकरेजा के भाजपा में शामिल होने को लेकर सियासी हलचल मची हुई थी। हालांकि इस मामले में अजीत कुकरेजा ने कहा- अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मुझे जानकारी नहीं है। अगर ऐसे हालात बने तो मैं न्यूट्रल रहूंगा। कांग्रेस के साथ नहीं हूं तो इसका ये मतलब नहीं है कि मैं भाजपा का सपोर्ट करूं।
आपको बता दें, राज्य के विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस से बागी होकर पार्षद अजीत कुकरेजा ने उत्तर रायपुर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसके कारण उन्हें पार्टी ने निष्कासित कर दिया है।
भाजपा को मेयर बनाने के लिए 5 पार्षदों की जरूरत
रायपुर नगर निगम के 70 वार्डों में कांग्रेस के 39 पार्षद है और भाजपा के 31 पार्षद है। नगर निगम चुनाव जीतकर 7 निर्दलीय पार्षदों में से 3 पार्षदों ने भाजपा में प्रवेश किया था। वहीं 4 निर्दलीय पार्षद ने कांग्रेस का जॉइन किया था।
आपको बता दें, रायपुर में 70 सीटों के अनुसार, मेयर बनाने के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम 36 पार्षदों की जरुरत होती है। इसलिए नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे महापौर के खिलाफ अविश्वास लाने के लिए अब कांग्रेस पार्षदों को साधने का प्रयास कर रही हैं।