रायपुर | क्या आप जानते हैं कि शहर के एक इलाके में, रात के दो बजे तक डीजे की तेज आवाज से पढ़ाई करने वाले बच्चों और अन्य वार्डवासियों को परेशान किया जा रहा है? यह मामला तब गंभीर हो गया जब वार्डवासियों ने एकजुट होकर पंजाब केसरी भवन के डीजे साउंड से परेशान होकर पार्षद रेणु जयंत साहू के पास पहुंचे। पार्षद ने एसपी कार्यालय जाकर शिकायत की और कार्रवाई की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
पार्षद रेणु जयंत साहू ने बताया कि यह मामला लाल बहादुर शास्त्री वार्ड क्रमांक 51, जो जोरा तेलीबांधा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है, से जुड़ा हुआ है। पंजाब केसरी भवन के पास बस्ती और कॉलोनी स्थित हैं, जहां स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई करने वाले बच्चे रहते हैं। यह भवन खासतौर पर विवाह और अन्य समारोह के लिए किराए पर दिया जाता है। लेकिन यहां अक्सर रात तक डीजे बजाए जाते हैं, जिससे स्थानीय लोग खासकर पढ़ाई करने वाले बच्चे और वृद्ध या बीमार लोग परेशान होते हैं।

स्थानीय निवासियों की परेशानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार भवन के प्रबंधन से धीमी आवाज में डीजे बजाने की अपील की, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, डीजे की तेज आवाज से न केवल बच्चों की पढ़ाई में खलल पड़ता है, बल्कि बीमार और वृद्ध लोगों को भी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
कानूनी उल्लंघन और हाईकोर्ट की गाइडलाइन
पार्षद ने बताया कि पंजाब केसरी भवन के प्रबंधकों द्वारा हाईकोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन किया जा रहा है। जबकि प्रशासन ने पहले ही ध्वनि प्रदूषण के संबंध में सख्त निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद लगातार डीजे की आवाज से लोगों को परेशान किया जा रहा है।
एसपी से की शिकायत और कार्रवाई की मांग
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पार्षद ने एसपी से मिलकर ज्ञापन सौंपा और तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रबंधन समिति ने इस पर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया तो वे पंजाब केसरी भवन के प्रबंधन समिति के घर के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन समिति पर डाली जाएगी।
आखिरकार, यह मामला न केवल स्थानीय लोगों के अधिकार की रक्षा से जुड़ा है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा और ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में भी अहम कदम साबित हो सकता है।