RBI Monetary Policy Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कटौती करते हुए रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया है। इस फैसले से सभी प्रकार के लोन सस्ते होंगे और EMI का बोझ भी कम होगा।
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सुबह 10 बजे मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी।
5 साल बाद घटी रेपो रेट (RBI Monetary Policy Meeting)
RBI ने आखिरी बार मई 2020 में रेपो रेट में 0.40% की कटौती की थी, जिससे इसे 4% तक लाया गया था। हालांकि, मई 2022 से रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू की, जो मई 2023 में स्थिर हुई।
इस दौरान रेपो रेट में 2.50% की बढ़ोतरी की गई थी, जिससे यह 6.5% तक पहुंच गई। अब 5 साल बाद RBI ने रेपो रेट में कटौती की है।
0.25% की कटौती से कितना फर्क पड़ेगा?
मान लीजिए आदित्य नाम के व्यक्ति ने 9% की फिक्स्ड ब्याज दर पर 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है। उसकी EMI ₹26,992 होगी, और 20 वर्षों में उसे ₹34.78 लाख का ब्याज चुकाना होगा।
इसका मतलब है कि 30 लाख के लोन पर कुल भुगतान ₹64.78 लाख होगा।
अब मान लीजिए कि RBI की 0.25% की कटौती के बाद बैंक अपनी ब्याज दर 9% से घटाकर 8.75% कर देता है।
ऐसे में अगर आदित्य का दोस्त उसी बैंक से 8.75% ब्याज दर पर 30 लाख का लोन लेता है, तो उसकी EMI ₹26,416 होगी, जो आदित्य की तुलना में ₹576 कम है।
इससे उसके कुल भुगतान में ₹1.39 लाख की बचत होगी, क्योंकि उसे ₹63.39 लाख चुकाने होंगे।
2025 में 6.4% GDP ग्रोथ का अनुमान (RBI Monetary Policy Meeting)
- Q1 (अप्रैल-जून): 6.7%
- Q2 (जुलाई-सितंबर): 7.0%
- Q3 (अक्टूबर-दिसंबर): 6.5%
- Q4 (जनवरी-मार्च): 6.5%
🔹 FY 2024-25 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि का अनुमान: 6.4%
🔹 FY 2025-26 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि का अनुमान: 6.7%