गरियाबंद। नाबालिग लड़की को भगाने और दुष्कर्म के मामले में गरियाबंद की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने आरोपी युवक सुधीर राजपूत को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा दी है, साथ ही पीड़िता को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।
शासकीय अधिवक्ता हरि नारायण त्रिवेदी के अनुसार, यह मामला अमलीपदर थाना क्षेत्र का है। आरोपी सुधीर राजपूत, जो मैनपुर छुहिया का रहने वाला है, करीब डेढ़ साल पहले नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। इस दौरान उसने पीड़िता की इच्छा के विरुद्ध लगातार दुष्कर्म किया।
पीड़िता के भाई की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। सालभर चली सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत वासनीकर ने दोषी पर सख्त फैसला सुनाते हुए सजा का ऐलान किया।
यह फैसला न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई का संदेश भी देता है।