Wakf Board Dissolved: देशभर में वक्फ बोर्ड की लगातार मनमानी के बीच आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की चंद्रबाबू नायडू सरकार (Chandrababu Naidu Government) ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने राज्य वक्फ बोर्ड को भंग करने का फैसला लिया है और इसके लिए जीओ-75 जारी किया है। शनिवार को आंध्र प्रदेश सरकार ने वक्फ बोर्ड के गठन पर पहले दिए गए आदेश को वापस लेते हुए यह आदेश जारी किया।
असल में, राज्य में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद प्रशासनिक शून्यता को देखते हुए चंद्रबाबू नायडू सरकार ने बोर्ड को भंग करने का निर्णय लिया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने राज्य वक्फ बोर्ड के गठन पर अपने पहले के आदेश को वापस लेकर जीओ-75 जारी किया। इस जीओ में कहा गया कि अध्यक्ष के चुनाव पर रोक के बाद बोर्ड के लंबे समय तक काम न करने को देखते हुए यह कदम उठाया गया।
Wakf Board Dissolved
आदेश में यह भी कहा गया कि वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने इस मुद्दे को सरकार के ध्यान में लाया था और प्रशासनिक शून्यता को रोकने और मुकदमे को सुलझाने के लिए यह निर्णय लिया गया। 21 अक्टूबर, 2023 को शेख खाजा, मुतवल्ली, विधायक हफीज खान और एमएलसी रूहुल्लाह को सदस्य के रूप में चुना गया था, जबकि आठ अन्य को वक्फ बोर्ड के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।
हालांकि, शेख खाजा के चुनाव और वक्फ बोर्ड के गठन के लिए जारी किए गए जीओ 47 की वैधता को कई रिट याचिकाओं में उच्च न्यायालय के सामने चुनौती दी गई थी। इन याचिकाओं पर विचार करते हुए, उच्च न्यायालय ने अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दी थी। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि सदस्य का चुनाव रिट याचिकाओं के अंतिम परिणाम के अधीन होगा। जब तक याचिकाएँ लंबित रहीं, वक्फ बोर्ड बिना अध्यक्ष के ही रहा।
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