CBI Raid in CG: रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित निवासों पर बुधवार सुबह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम ने छापा मारा। इस कार्रवाई के तहत उनके करीबी सहयोगियों और अधिकारियों के ठिकानों पर भी दबिश दी गई।
CBI ने बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शेख आरिफ, आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव, प्रशांत अग्रवाल, पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, एडिशनल एसपी संजय ध्रुव, अभिषेक महेश्वरी और कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के आवासों पर भी छापेमारी की।

महादेव सट्टा एप घोटाले से जुड़ी है जांच
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई महादेव ऑनलाइन बेटिंग एप घोटाले से जुड़ी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अगस्त 2024 में इस घोटाले की जांच आधिकारिक रूप से CBI को सौंपी थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले की जांच जनवरी 2023 में शुरू की थी, जिसके बाद इसे आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को भी सौंपा गया था।
लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले, 4 मार्च 2025 को ACB द्वारा दायर चार्जशीट में भूपेश बघेल को आरोपी बनाया गया था। उन पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से जुड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
CBI कार्रवाई पर भूपेश बघेल का जवाब
CBI की छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “अब CBI आ गई है।” उन्होंने बताया कि वह 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाली कांग्रेस की AICC बैठक के लिए दिल्ली जाने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही CBI ने उनके रायपुर और भिलाई स्थित आवासों पर छापा मार दिया।
पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने जताई नाराजगी
छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक द्वेष” करार देते हुए X पर लिखा, “भूपेश बघेल को बार-बार एजेंसियों द्वारा परेशान करना निंदनीय है। यह केवल उनकी छवि खराब करने की भाजपा की नाकाम कोशिश है। पहले ED, अब CBI—जांच एजेंसियां भाजपा की ‘बी टीम’ बनकर काम कर रही हैं।”
भूपेश बघेल के घर पहले भी हो चुकी है ED की छापेमारी
गौरतलब है कि इससे पहले 10 मार्च को भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर छापा मारा था। इस दौरान 11 घंटे तक पूछताछ चली, जिसमें दस्तावेजों, सोने-चांदी के जेवरातों और कॉल डिटेल्स की जांच की गई। ED ने उनके घर से 33 लाख रुपये नकद भी बरामद किए थे।
राजनीतिक हलचल तेज
CBI की इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है, जबकि भाजपा का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे की जांच में क्या नए खुलासे होते हैं।