कांग्रेस ने उठाई धान खरीदी में गड़बड़ी की आवाज, भाजपा पर लगाया षड्यंत्र का आरोप…

रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी और किसानों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने राजीव भवन में प्रेस वार्ता की और भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार किसानों से धान नहीं खरीदने का षड्यंत्र कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि वह धान खरीदी की प्रक्रिया को कम करना चाहती है।

बैज ने कहा, “इस बार 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का समय तय किया गया है। शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को छोड़कर कुल 47 दिन ही मिल रहे हैं। इसका मतलब यह है कि प्रतिदिन सरकार को लगभग 3.5 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने होंगे, ताकि लक्ष्य पूरा हो सके। फिलहाल, जिस रफ्तार से खरीदी हो रही है, उसमें यह लक्ष्य पूरा करना मुश्किल दिख रहा है।”

उन्होंने कहा कि सोसाइटियों को निर्देश दिए गए हैं कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाए, जिससे किसानों को अपने शेष धान के लिए अगली तारीख दी जा रही है।

बैज ने यह भी कहा कि सरकार ने घोषणा की थी कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आ जाएगा, लेकिन जो किसान 14 नवंबर को धान बेच चुके हैं, उनके खाते में पैसे नहीं आए हैं। जो पैसा आ रहा है, वह 3100 रुपए प्रति क्विंटल नहीं है, बल्कि सिर्फ 2300 रुपए ही दिया जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार अनावरी रिपोर्ट के आधार पर किसानों से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीद रही है। विशेषकर बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदी जा रही है। सोसायटी में एक सूचना चस्पा की गई है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा, सोसायटी में बारदाने की भी कमी है, जिससे किसानों को परेशानी हो रही है।

उन्होंने कहा, “सरकार ने कहा था कि 50 प्रतिशत नए और 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाएगा, लेकिन 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं हैं, जिसके कारण धान खरीदी में रुकावटें आ रही हैं।”

धान खरीदी केंद्रों में जारी नहीं हो रहा टोकन, किसान परेशान

बैज ने यह भी बताया कि धान खरीदी केंद्रों में टोकन जारी नहीं किए जा रहे हैं, जिससे किसान घंटों इंतजार करते हैं। ऑनलाइन टोकन सिस्टम की वजह से किसानों को 15 दिन बाद का टोकन भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि धान की कीमत का भुगतान 3217 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए, क्योंकि भाजपा ने चुनावी वादे में 3100 रुपए का समर्थन मूल्य दिया था। केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपए बढ़ाया है, जिसके बाद धान की खरीदी 3100 रुपए से बढ़ाकर 3217 रुपए की जाए।

भाजपा की नई नीति से धान खरीदी पर असर

दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार की धान खरीदी नीति को बदल दिया है। नई नीति के अनुसार, बफर स्टॉक के उठाव की समय सीमा को समाप्त कर दिया गया है, जिससे समितियों को अब समय सीमा में उठाव का चुनौती देने का अधिकार नहीं है। इससे धान खरीदी केंद्रों में जगह की कमी हो रही है। पहले मार्कफेड को 28 फरवरी तक धान निपटाने की बाध्यता थी, अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है, जिससे धान दो महीने तक समितियों में रखा रहेगा।

धान मिलिंग में भी परेशानी

उन्होंने बताया कि राइस मिलरों ने धान मिलिंग करने में असमर्थता जताई है। कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपए मिलिंग शुल्क तय किया था, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे घटाकर 60 रुपए कर दिया है, जिससे राइस मिलर हड़ताल पर चले गए हैं। इसके कारण प्रदेशभर में धान की मिलिंग में परेशानी हो रही है और सोसायटी में जाम लग गया है।

पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल, पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व सांसद छाया वर्मा, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, जिला अध्यक्ष उधोराम वर्मा, महामंत्री सकलेन कादार, प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, किसान कांग्रेस अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा, प्रवक्ता सत्य प्रकाश सिंह और वंदना राजपूत भी उपस्थित थे।

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