Fake Paneer Factory Busted: राजधानी में नाले के ऊपर फैक्ट्री में बन रहा था नकली पनीर, होटलों-ढाबों में हो रही थी सप्लाईई, स्वास्थ्य और खाघ सुरक्षा विभाग ने मारा छापा

Fake Paneer Factory Busted: रायपुर। जिस पनीर को आप स्वाद लेकर होटल या ढाबे में खाते हैं, क्या आपने कभी सोचा है कि वो असली है भी या नहीं? राजधानी रायपुर से आई ये खबर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी।

शंकर नगर इलाके में नाले के ऊपर चल रही एक फैक्ट्री में नकली पनीर तैयार किया जा रहा था। खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारकर इस गोरखधंधे का पर्दाफाश किया। मौके से भारी मात्रा में नकली पनीर, पाम ऑयल, फैट के डल्ले, दूध पाउडर, थर्माकोल डिब्बे और पैकिंग मटेरियल जब्त किया गया।

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Fake Paneer Factory Busted

पनीर नहीं, जहर था थाली में! (Fake Paneer Factory Busted)

फैक्ट्री का संचालन कर रहा रामानंद बाघ नाम का व्यक्ति, जिसके पास एनालॉग प्रोडक्ट बनाने का लाइसेंस था, खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहा था। बताया जा रहा है कि वह 180 रुपए में एक किलो नकली पनीर तैयार करता था और उसे ढाबों, होटलों और यहां तक कि ओडिशा तक सप्लाई करता था। बाजार में यही नकली पनीर 240-250 रुपए किलो में धड़ल्ले से बिक रहा था।

अब सवाल ये उठता है — क्या हम जो कुछ भी बाजार से खरीदते हैं, वो असली है भी? क्या खाद्य विभाग सिर्फ “त्योहारों” पर ही हरकत में आता है?

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Fake Paneer Factory Busted

खुलेआम मिल रहा ‘सफेद ज़हर’, प्रशासन सोता रहा? (Fake Paneer Factory Busted)

जिस इलाके में यह फैक्ट्री चल रही थी, वहां से बदबू आना आम बात थी। लेकिन स्थानीय प्रशासन की आंखें तब खुलीं जब सब कुछ सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। फैक्ट्री में जो हालात थे, उन्हें देखकर किसी का भी पेट खराब हो जाए – गंदगी, नाला, बिना किसी हाइजीन के पैकिंग और खुले हाथों से ‘पनीर’ की ढलाई!

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क्या सिर्फ कार्रवाई से काम चलेगा?

छापा तो पड़ गया, लेकिन यह पहला मामला नहीं है और न ही आखिरी। हर महीने किसी न किसी जिले में नकली दूध, खोवा, पनीर या मसालों की फैक्ट्री पकड़ी जाती है – सवाल ये है कि क्या ये सब सिर्फ कार्रवाई की खानापूर्ति है या फिर सच में सुधार होगा?

कहां हैं उपभोक्ता अधिकार, कहां है जवाबदेही? (Fake Paneer Factory Busted)

अब तक न तो कोई गिरफ्तारी की खबर है, और न ही लाइसेंस रद्द होने की। सवाल ये भी है कि अगर ये नकली पनीर किसी मुसाफिर खान में या स्कूल के भोजन में परोसा गया होता तो?

क्या ऐसे मामलों में भी कोई सख्त सज़ा होगी, या फिर अगली बार छापे तक सब कुछ वापस पुराने ढर्रे पर चल पड़ेगा?

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