Indian Economy Loss: कुदरत के कहर से देश को ₹15,000 करोड़ का नुकसान : SBI का दावा- भारत में 92% लोग नहीं करवाते इंश्योरेंस

देश के राज्यों में कुदरत का कहर जारी है। इन दिनों भारी बारिश से आई बाढ़ ने देश की इकोनॉमी को बहुत नुकसान पहुंचाया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च रिपोर्ट Ecowrap के अनुसार, बाढ़ से देश को करीब 15,000 करोड़ रुपए का इकोनॉमिक लॉस यानी आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है।

SBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में आए बिपरजॉय साइक्लोन जैसे नेचुरल डिजास्टर्स (प्राकृतिक आपदाओं) और इन बाढ़ों से होने वाले भारी तबाही, देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि लोकल और ज्योग्राफिकल विशेषताएं देश को कई प्राकृतिक खतरों के प्रति संवेदनशील बनाती हैं।

रिसर्च के मुताबिक इन बाढ़ों के कारण आर्थिक नुकसान की वर्तमान स्थिति का अनुमान लगाया जाना बाकी है। हालांकि SBI का मानना है कि यह 10,000-15,000 करोड़ रुपए के बीच हो सकता है।

41% प्राकृतिक आपदाएं बाढ़ के रूप में आईं

रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार ऐसी प्राकृतिक आपदाएं आने से आर्थिक तनाव के नए रिकॉर्ड बन गए हैं। प्राकृतिक आपदाओं में भारत में सबसे ज्यादा बाढ़ आती है। जिसमें से लगभग 41% प्राकृतिक आपदाएं बाढ़ के रूप में आईं हैं। इसके बाद देश में सबसे ज्यादा तूफान आते हैं।

भारत में 92% लोग नहीं करवाते इंश्योरेंस : SBI

SBI की रीसर्च रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रोटेक्शन गैप बना हुआ है। जिसका मतलब है कि बहुत कम लोग ही अपना लाईफ-इंश्योरेंस (जीवन-बीमा) करवाते हैं। 2022 में प्राकृतिक आपदाओं के कारण ग्लोबल लेवल पर टोटल 275 बिलियन डॉलर यानी 22.56 लाख करोड़ रुपए के इकोनॉमिक लॉस में से 10.25 लाख करोड़ रुपए बीमा द्वारा ही कवर किया गया था।

2020 में बाढ़ से टोटल 52,500 करोड़ का हुआ था नुकसान

इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़े नेचुरल डिजास्टर रिस्क के लिए एक ‘डिजास्टर पूल’ की जरूरतों पर जोर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि अगर हम भारत में 2020 की बाढ़ की बात करें तो टोटल आर्थिक नुकसान 52,500 करोड़ रुपए का हुआ था, लेकिन इंश्योरेंस कवर केवल 11% था।

MSME सेक्टर में देश में केवल 5% यूनिट्स ही बीमाकृत

MSME सेक्टर में देश में केवल 5% यूनिट्स ही बीमाकृत हैं। इस सेक्टर को काफी हाई लेवल की प्रोटेक्शन की जरूरत है। रिपोर्ट में MSME कर्मचारियों को कवर करने, उनके परिवारों के लिए बीमा लाभ और इनकम प्रोटेक्शन के टर्म में सोशल सिक्योरिटी प्रोवाइड करने के लिए सरकार के साथ एक पार्टनरशिप प्रोग्राम का सुझाव भी दिया गया है।

पब्लिक हेल्थ और बिजनेस तैयारियों में सुधार की जरूरत

SBI रिसर्च रिपोर्ट में कोविड -19 महामारी का जिक्र भी किया गया है, जिसने पब्लिक हेल्थ और बिजनेस तैयारियों में सुधार की आवश्यकता की ओर इशारा किया है। भारत को प्राकृतिक आपदाओं के लिए ‘आउट-ऑफ-द-बॉक्स सोल्यूशन’ और प्रोटेक्शन गैप के संबंध में व्यवसायों में जागरूकता की आवश्यकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Popular

More like this
Related

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी गिरफ्तार

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी...