तखतपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के तखतपुर में स्कूली शिक्षक मिस्टर इंडिया की तरह गायब रहते हैं. बच्चे पढ़ने और अपना भविष्य गढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं, लेकिन क्लास में घंटों बैठकर इंतजार करने के बाद भी उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं पहुंचते. इतना ही नहीं, स्कूल आए बिना ही हाजरी दर्ज हो जाती है. इस बदहाल शिक्षा व्यवस्था और टीचरों को सुधारने की जिम्मेदारी अब स्कूल छात्र-छात्राओं ने ले ली है. छात्रों ने स्कूल में ताला लगाकर SDM कार्यालय का घेराव किया है और SDM ज्योति से इस अंधकार को खत्म करने की गुहार लगाई है.
बिलासपुर जिले के कई ग्रामीण स्कूलों में शिक्षक मिस्टर इंडिया बने हुए है. वे स्कूल नहीं पहुंचते लेकिन रजिस्टर में उपस्थिति 100 प्रतीशत रहती है, बच्चों की क्लास नहीं लेते लेकिन सैलरी सौ प्रतीशत मिलती है.
स्कूल में बच्चे बड़ी उम्मीद से अपने कांधो पर किताब पुस्तक लेकर पहुंचते हैं लेकिन टीचर के क्लास में नहीं आने से बच्चे सालों से शिक्षा से वांछित है और परीक्षा में नहीं पढ़ पाने के कारण कुछ सप्लीमेंट्री भी आ रहे हैं. जिस कार्य के लिए सरकार शिक्षकों को पैसा दे रही है, वो काम किए बिना ही मोटी रकम हासिल कर रहे हैं.
बता दें, मोढ़े गांव की सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों की मनमानी से तंग आकर हल्ला बोल दिया है. कई बार शिकायत करने के बाद जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो बच्चों ने खुद अब इन शिक्षकों के खिलाफ आवाज उठाई है. स्टूडेंट्स ने समय रहते सुधार नहीं होने पर परिजनों के साथ मिलकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.
तुम्हारे परिजन हमारे मजदूर और गुलाम हैं : गांव के गौटिया
एसडीएम कार्यालय का घेराव करने पहुंची एक छात्रा ने कहा कि अंग्रेज भारत छोड़कर विदेश लौट चुके हैं, लेकिन आज भी इस गांव में गोटिया दंपति टीचर अपनी अंग्रेजी हुकूमत चला रहे हैं. यह दंपति छात्रों से कहते हैं कि तुम्हारे परिजन हमारे मजदूर और गुलाम हैं, तुम पढ़ लिखकर क्या करोगे ? आखिर तुम्हें भी बड़े होने के बाद हमारे गुलाम की तरह काम करना होगा. इसलिए पढ़ने से ध्यान हटाकर रोजी मजदूरी की तरफ अपना फोकस रखो.
वहीं एक ऐसे टीचर सोनवानी भी हैं जो कि किसी मिस्टर इंडिया से काम नहीं है साल में दो-चार बार स्कूल पहुंचकर इक्का-दुक्का अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं, लेकिन रजिस्टर में बाकायदा उनके पूरे दिन की उपस्थिति दर्ज हो रही है.
इसके अलावा भी स्कूल में मिलने वाले मिड डे मील में भी गुणवत्ता का पालन नहीं किया जा रहा है. डाइट चार्ट के अनुसार भोजन भी नहीं मिलता. रोज की मध्यान भोजन में कई खामियां निकलकर आ रही है, इस पर भी विभाग के अधिकारियों को इतनी फुर्सत नहीं की बच्चों को परोसे जा रहे भोजन की स्थिति देखें.
इन समस्याओं से परेशान होकर अब स्कूली विद्यार्थियों ने अपने हक और अधिकार के लिए मोर्चे पर उतर आए हैं. यह जानते हुए कि इसके बाद शिक्षक उन्हें फेल करने जैसे कई कार्रवाई कर सकते हैं.
यह बेहद ही चिंताजनक स्थिति है, वहीं यह सवालिया निशान भी खड़ा होता है कि विद्यार्थियों के भविष्य के साथ करने की ऐसा खिलवाड़ आखिर किसके इशारे पर हो रहा है ? किनके संरक्षण में यह शिक्षक मनमानी कर रहे हैं?
वहीं इस मामले में तखतपुर एसडीएम ज्योति पटेल ने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया है, कि आपके स्कूल की व्यवस्था को जल्द सुधारी जाएगी.
उन्होंने कहा कि यह गंभीर विषय है कि बच्चे अपनी शिक्षा के लिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए स्कूल आते हैं लेकिन कहीं ना कहीं ऐसी लापरवाहियां आने से बच्चों का भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में सुधार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.
अब सवाल यह उठता है की तखतपुर की एसडीएम ज्योति पटेल छात्रों को जो आश्वासन दी है उसे पर आने वाले दिनों में कोई असर होता हुआ नजर आएगा या फिर हमेशा की तरह इन छात्रों की मांग फेर दी जाएगी.