Meenal Choubey: रायपुर। रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने महापौर एजाज ढेबर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि महापौर ढेबर रायपुर के विकास के सबसे बड़े रोड़े थे। इसके साथ ही मीनल चौबे ने कांग्रेस को चुनौती दी कि वे रायपुर नगर निगम के अगले चुनाव में एजाज ढेबर के कार्यों को आधार बनाकर चुनावी मुकाबला करें।
पत्रकारों से बात करते हुए मीनल चौबे ने भाजपा मीडिया सह प्रभारी दाऊ अनुराग अग्रवाल और पार्षद दल के प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे के साथ कहा कि नगर निगम का मुख्य उद्देश्य जनता को बेहतर शहर, साफ पानी, सफाई और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना होता है, लेकिन महापौर एजाज ढेबर इन सभी क्षेत्रों में नाकाम रहे। शहर में कोई ठोस विकास नहीं हुआ और न ही जनता को मूलभूत सुविधाएं मिल पाईं।
उन्होंने कहा कि 2019-20 से लेकर 2023-24 तक केंद्र सरकार ने नगर निगम को 1254 करोड़ 36 लाख 44 हजार रुपये दिए थे, जिसमें से 74 करोड़ 60 लाख रुपये ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सफाई के लिए थे। लेकिन महापौर ढेबर इन पैसों का सही तरीके से उपयोग करने में विफल रहे। उन्होंने पेयजल योजना के लिए दिए गए करोड़ों रुपये का भी जिक्र करते हुए कहा कि इसके बावजूद जनता को पेयजल के लिए तरसना पड़ा।
Meenal Choubey ने महापौर एजाज ढेबर के कार्यकाल को बेहद निराशाजनक करार दिया और कहा कि वह “फिसड्डी महापौर” साबित हुए हैं। राजधानी के विकास में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। रायपुर शहर की जनता को एक भी महत्वपूर्ण सौगात देने में वे असफल रहे। उन्होंने बूढ़ा तालाब सौंदर्यीकरण का जिक्र करते हुए कहा कि वहां करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद जनता को सिर्फ भ्रष्टाचार ही देखने को मिला।
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उन्होंने गोल बाजार, जवाहर बाजार और मल्टीलेवल पार्किंग जैसी योजनाओं का भी हवाला दिया, जिनमें ढेबर सरकार नाकाम रही। चौबे ने आरोप लगाया कि शहर के उद्यानों का व्यवसायीकरण कर दिया गया, और यूथ हब के नाम पर युवाओं से धोखा किया गया।
इसके अलावा, मीनल चौबे ने महापौर के कार्यकाल में हुए कई घोटालों का भी खुलासा किया, जिसमें डिवाइडर घोटाला और बिना टेंडर के काम शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि महापौर ने जनता के पैसे से बने भवनों को निजी संस्थाओं को हस्तांतरित कर दिया और उन पर करोड़ों रुपये खर्च किए।
प्रधानमंत्री आवास योजना का जिक्र करते हुए मीनल चौबे ने कहा कि राज्यांश नहीं मिलने के कारण गरीबों को घर नहीं मिल पाए। उन्होंने दावा किया कि महापौर ढेबर की नाकामियों के कारण रायपुर से नया रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भी छिन गया।
चौबे ने अंत में कहा कि महापौर का कार्यकाल झूठ से शुरू होकर झूठ में ही खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि महापौर न तो शहर में विकास कर पाए और न ही जनता को बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर पाए।