श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन: भक्ति और आनंद का संगम

श्री सुरेंद्र कुमार शर्मा और उनकी भार्या श्रीमती अर्चना सुरेंद्र कुमार शर्मा के निवास स्थान “शुभम निवास” में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में भक्तों ने भक्ति की गहराइयों में डूबते हुए गजेंद्र मोक्ष, वामन अवतार, रामजन्म, रामकथा, कृष्णजन्म और नंदोत्सव की लीला का आनंद लिया।

कथा का शुभारंभ आरती से हुआ, जिसमें मुख्य यजमान श्री सुरेंद्र कुमार शर्मा और श्रीमती अर्चना ने अन्य भक्तों के साथ मिलकर सुबह आयोजित हवन में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आहुतियां दीं और विश्व शांति की कामना की। कथा वाचक श्री प्रयाग दत्त महाराज जी ने गजेंद्र मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान अपने भक्त की हर मुसीबत से रक्षा करते हैं, लेकिन अहंकार और मोह-माया में फंसा मनुष्य भगवान की मदद को समझ नहीं पाता, जिससे वह दुख का सामना करता है।

पंडित प्रयाग राज महाराज महाराज जी ने कहा कि जब भी कोई दुख आता है, तो मनुष्य संसारिक लोगों से मदद मांगता है, लेकिन संसारिक लोग उसकी मदद के बजाय उसकी हंसी उड़ा देते हैं। वहीं, भगवान उस भक्त की मदद कर उसे जग में प्रसिद्ध कर देते हैं। इसीलिए, हमें जब भी मदद की आवश्यकता हो, भगवान से ही प्रार्थना करनी चाहिए।

कथा के दौरान भगवान वामन की महिमा का भी वर्णन किया गया। इसके बाद जैसे ही श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, पूरे पंडाल में “कृष्ण के जयकारे” गूंज उठे। कृष्ण के जन्म से वातावरण कृष्णमय हो गया, और नंदोत्सव की बधाईयों में भक्त पूरी तरह डूब गए।

देर सांय तक भक्त कृष्ण भक्ति का आनंद लेते नजर आए। इस कथा के दौरान गौरी शंकर पाण्डेय, सावित्री पाण्डेय, ऊषा पाण्डेय,भूपेद पाण्डेय, पंडित शुभम पांडेय (शर्मा), धर्मेंद्र पांडेय, राखी पाण्डेय,सोनम त्रिपाठी, राकेश त्रिपाठी, राजेश पांडेय,कंचन पाण्डेय धोली पांडेय रमा पाण्डेय,किरण दुबे,बिल्लो पाण्डेय,सतीश पाण्डेय,पंकज पाण्डेय खुशबू पाण्डेय एवं समस्त पांडेय परिवार भी शामिल हुए।

इस धार्मिक अनुष्ठान ने सभी भक्तों के दिलों में भक्ति और श्रद्धा की भावना को और अधिक प्रगाढ़ किया।

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