Small Savings Schemes: सरकार ने लगातार चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है. इससे पहले अप्रैल-जून (Q1FY25), जुलाई-सितंबर (Q2FY25) और अक्टूबर-दिसंबर (Q3FY25) तिमाहियों में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था. इसका मतलब है कि अब 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), और किसान विकास पत्र (KVP) समेत सभी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें वही रहेंगी, जो पहले थीं.
PPF पर 7.1% और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% ब्याज
वर्तमान में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर 7.1% और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% ब्याज दर मिल रही है. सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों का निर्धारण करने से पहले देश की लिक्विडिटी स्थिति और महंगाई दर पर भी ध्यान रखती है. हालांकि, ये ब्याज दरें हर तिमाही में समीक्षा की जाती हैं और ब्याज दरों में बदलाव किया जा सकता है.
ब्याज दरों की त्रैमासिक समीक्षा
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा हर तिमाही में की जाती है, और इनका निर्धारण श्यामला गोपीनाथ समिति द्वारा दिए गए फॉर्मूला के आधार पर होता है. समिति ने सिफारिश की थी कि इन योजनाओं की ब्याज दरें समान परिपक्वता वाले सरकारी बॉन्ड की यील्ड से 0.25% से 1% अधिक होनी चाहिए.
Small Savings Schemes: छोटी बचत योजनाओं की भूमिका
छोटी बचत योजनाएं भारत में घरेलू बचत का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं और इनमें 12 प्रमुख योजनाएं शामिल हैं. इन योजनाओं के माध्यम से जमाकर्ताओं को उनके निवेश पर सुनिश्चित ब्याज प्राप्त होता है. इन योजनाओं से प्राप्त राशि राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF) में जमा की जाती है, जो सरकार के घाटे के वित्तपोषण के लिए उपयोग होती है.