Union Budget 2025: नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आगामी 2025 का बजट पेश करने में केवल एक सप्ताह बाकी है, और इस बजट को लेकर विभिन्न वर्गों में विभिन्न आशाएं-प्रत्याशाएं जताई जा रही हैं। इन आशाओं में कर व्यवस्था में बदलाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिसमें गृह ऋण पर छूट, करों में कटौती और कर की दरों में बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है।
हाल के दिनों में नई कर व्यवस्था ने निम्न और मध्य वर्ग के करदाताओं के लिए राहत का काम किया है। वहीं, उच्च मध्यम वर्ग और उच्च आय वाले व्यक्तियों के लिए 2023 के बजट में अधिभार की अधिकतम दर पर छूट देने से राहत मिली। पिछले बजट में वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की, जिनमें मानक कटौती की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये किया गया, जिससे वेतनभोगी करदाताओं को 17,500 रुपये की कर बचत हुई।
हालांकि, नई कर व्यवस्था को अपनाने वाले करदाताओं के पास अब भी कई बदलावों की उम्मीद है, क्योंकि इसमें पुरानी व्यवस्था द्वारा प्रदान की जाने वाली कई छूट और कटौतियां नहीं मिलती हैं। खासकर गृह ऋण पर ब्याज की कटौती, जो पुरानी व्यवस्था में 2 लाख रुपये तक की जा सकती है, नई व्यवस्था में नहीं है। कई करदाता इस वजह से पुरानी व्यवस्था को ही अपनाए हुए हैं।
उम्मीद जताई जा रही है कि वित्त मंत्री गृह ऋण और अन्य कटौतियों को लेकर करदाताओं की लंबे समय से चली आ रही मांगों को ध्यान में रखते हुए कुछ राहत दे सकती हैं। कर विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार नई कर व्यवस्था में 2 लाख रुपये तक के गृह ऋण ब्याज पर कटौती की अनुमति देती है, तो इससे रियल एस्टेट क्षेत्र को भी समर्थन मिलेगा और घर के स्वामित्व को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, कर स्लैब में बदलाव की भी उम्मीद की जा रही है। वर्तमान में 7.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगता है, और इसे बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने से करदाताओं को और राहत मिल सकती है।
Union Budget 2025: इस बजट से यह उम्मीद भी है कि वित्तीय नियोजन को आसान बनाने के लिए सरकार नई कर व्यवस्था को और अधिक आकर्षक और लचीला बनाने के उपायों पर विचार करेगी।