मणिपुर- फिर से हिंसा उद्धत हो गई है मणिपुर में। रात को 13 फरवरी को, पूर्वी इंफाल जिले के पेंगई में स्थित मणिपुर पुलिस प्रशासन कॉलेज पर भीड़ ने हमला किया है। इस घटना के दौरान सुरक्षा कर्मचारियों ने गोलीबारी करते हुए भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस दौरान एन बिरेन ने राज्य में 1961 के बाद बसने आए लोगों की निर्वासित करने की घोषणा की है। मणिपुर में 2023 से मैतई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा का असर देखा जा रहा है। इस हिंसा में अब तक करीबन 200 लोगों की मौत हुई है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, मरने वालों की संख्या इससे भी अधिक हो सकती है। मणिपुर में हिंसा की प्रारंभिक कड़ी हाईकोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुई। इस फैसले में मैतई समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिया जाने की सोच की गई थी।
भीड़ ने एक ग्रामीण को मार डाला और दो लोगों को घायल कर दिया जब वह गोलाबारूद, राइफल और मशीनगन को अपने साथ लूट ले गई। एक और घटना में, इंफाल पूर्वी जिले में, सेना के एक अधिकारी की गोली गई थी। आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, 1961 में आए हुए लोगो से ले कर सब की चेकिंग की जाएगी।